बुधवार, 28 अक्टूबर 2009

अपहरण की इंतेहा

एक सरदार जी के दिन बडी गरीबी से गुजर रहे थे, उन्‍होने सोंचा की थोडे गलत तरिके से पैसे कमाए जाए, वो भागते हुए पार्क में गये वहां खेल रही बच्‍ची को पकडा और कहा '' तुम किडनेप हो गई हो '' फिर उन्‍होने एक पत्र लिखा .

मैने तुम्‍हारी बच्‍ची को किडनेप कर लिया है, कल दिन के 12 बजे नाले के किनारे वाले आम के पेड पर एक झोले मे दो लाख रूपये नगद पुराने नोटों में छोड दो ............ एक सरदार

इसके बाद उन्‍होने वो कागज बच्‍ची के शर्ट पर पिन से लगाया, और बच्‍ची को उसके घर छोड आए

दूसरे दिन वो आम के पेड के निचे इंतजार कर रहे थे तभी वो बच्‍ची हाथ में झोला ले कर आई उस झोले में दो लाख रूपये नगद नुराने नोटों के सुरत में रखे हुए थे बचची ने सरदार जी के हाथ में एक कागज पकडाया और चली गई उस कागज में लिखा हुआ था ...................

मुझे उम्‍मीद नही थी कि एक सरदार दुसरे सरदार का इतना बुरा कर सकता है, पैसे पुरे हैं गिन लो और बच्‍ची को छोड दो.................... दुसरा सरदार

रविवार, 25 अक्टूबर 2009

मलेरिया से मौत अभी भी मिलती है आम इन्सान को



कसडोल ब्लाक के जंगल वाले क्षेत्र पर लगभग एक दर्जन गांवो में १० साल पहले की तरह मलेरिया का प्रकोप फ़ैल गया है इसी क्षेत्र में १० वर्ष पूर्व भी मलेरिया का प्रकोप फैला था जिससे ३३ लोगों की मौत हो गई थी उस वक्त डॉक्टरों ने कहा था की मलेरिया का चक्र १० वर्षों का होता है और १० वर्ष पूर्ण होते ही इसका प्रकोप चालू हो गया है

अभी फैले प्रकोप से ५ लोगों की मौत हो गई है और लगभग ८० प्रतिशत लोग बुखार से पीड़ित भी है गांव वालों की शिकायत है की तिन साल से स्वास्थय कार्य करता गांव में आए ही नही केवल झोला छाप डॉक्टर ही गांव में आ कर इलाज करते है मिडिया के जागने के बाद अब प्रशासन जगा है और इलाज जारी है काश आप लोग पहले जाग जाते तो हो सकता है जिन लोगों की मौत हो गई है वो भी अपने परिजनों के साथ रहते ..................

मौत की गति से दौड़ती है छत्तीसगढ़ में बसे




कसडोल से गिधोरी रोड पर दिनाक १९ अक्टूबर २००९ को सुबह लगभग ९.३० बजे एक सड़क दुर्घटना हो गई जो दिल दहलाने वाली थी इसे ब्लॉग में पोस्ट करूँगा ऐसा सोच रखा था और आज समय मिलने पर कर भी रहा हु मैं सहारा समय के लिए कैमरा मेन का भी काम करता हु इस दुखद घटना पर मन से कुछ लिखना चाहता था या यह कहिये की इस घटना की कुछ सच्चाई को आप सब से बाटना चाहता था इस घटना का मुख्य वजह चालक का नशे में धुत होना था इसकी वजह से इस घटना में एक बच्ची सहित एक व्यक्ति की मौत हो गई और १५ लोग गंभीर रूप से घायल हो गये घटना सुबह ९.३० बजे हुई लोग पुलिस और प्रशासन को इसकी सुचना दिए पर एंबुलेंस तब पंहुचा जब आम लोग अन्य व्यवस्था कर घायल को हास्पिटल ले जा चुके थे सड़क दुर्घटना जो अभी छत्तीसगढ़ में हो रही है उसमे सवारी गाड़ी की दुर्घटना की मुख्य वजह मेरी नजर में जो है उसे लिख रहा हु सरकार ने यंहा सरकारी सेवा बंद कर परिवहन को निजी हाथों में दे दी है रायपुर से कसडोल रूट के लिए बसों का समय अन्तराल लगभग १५ मिनट रखा गया है इसलिए बसे काफी तेजी से चलती है इन बसों में यात्री जानवरों की तरह ठुसे जाते है और गरीब यात्रियों से अक्सर बद्सलुकियाँ भी की जाती है अक्सर इन बसों के ड्राईवर नशे में होते है

अभी तक एक भी ऐसी कोई कार्यवाही किसी चालक पर नही हुई है की वो नशे में था जी हाँ आज तक पुलिस प्रशासन को कोई एक भी चालक नशे में नही मिला है हा जब बस एक्सीडेंट हो जाए तब जरुर चालक नशे में मिलता है पर कार्यवाही करने के लिए कोई बस चालक नशे में नही मिला है

आज तक कोई कार्यवाही किसी बस के मालिकों पर नही हुई की यात्री से बदसलूकी हुई हो हर रोज बसें यात्रियों को लेकर निकल रही है जो अपनी छमता से ज्यादा यात्रियों को लेकर उनके जान से खिलवाड़ कर रही है पर पुलिस को केवल अपने हपते से मतलब आंख मुद कर बैठी है और प्रशासन हाथ पर हाथ धरे बैठी है आम इंसान की जान यदि जाती है जाए

UID नंबर के बारे में क्या जानना चाहते हैं आप?...


सरकार देश के हर नागरिक को एक यूनीक आइडेंटिफिकेशन नंबर देने की प्रक्रिया में जोर-शोर से जुट गई है। सरकार की योजना के मुताबिक 2011 तक सभी नागरिकों को यूनिक आइडेंटिफिकेशन संख्या जारी कर दी जाएगी। और इस प्रोजेक्ट के लिए सरकार ने इन्फोसिस के को-चेयरमैन नंदन नीलेकणी को चुनभी लिया है।

यानी इस नए ऑर्गनाइज़ेशन के चीफ हैं नंदन नीलेकणी। नंदन अब इन्फोसिस के को-चेयरमैन नहीं बल्कि कैबिनेट मिनस्टर के रूप में जाने जाएंगे।

UID प्रोजेक्ट यूपीए सरकार का एक बहुत ही एंबिशस प्रोजेक्ट है। इस प्रोजेक्ट के लिए योजना आयेग के तहत UID अथॉरिटी ऑफ इंडिया (UIDAI) का गठन होगा। ये ऑर्गनाइज़ेशन सुनिश्चित करेगा कि इसका फायदा किसी भी तरह से गैर-सामाजिक तत्व न उठा पाएं।

UID प्रोग्राम के तहत देश के हर नागरिक को एक यूनीक नंबर दिया जाएगा। इसके जरिए देश की आंतरिक सुरक्षा से जुड़ी चिंताओं के समाधान के अलावा वस्तुओं और सेवाओं के सार्वजनिक बंटवारे के लिए एक व्यवस्थित तंत्र भी विकसित किया जा सकेगा। शुरुआत में UID नंबर राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर या मतदाता सूची के आधार पर आवंटित की जाएगी। सूत्रों ने बताया कि व्यक्ति की पहचान पर जालसाजी की संभावना खत्म करने के लिए इसमें तस्वीर और बायोमेट्रिक आंकड़े जोड़े जाएंगे। साथ ही, लोगों के फायदे के लिए इसके आसान पंजीकरण और जानकारियों में बदलाव की प्रक्रिया को आसान बनाने के तरीकों पर भी विचार किया जा रहा है।

प्रस्तावित आइडेंटिटी कार्ड ऐसे स्मार्ट कार्ड होंगे जिनपर व्यक्ति की पूरी जानकारी मिलेगी। शख्स के उंगलुइयों के निशान और तस्वीर। ऐसा नहीं है कि ये यूनीक आइडेंटिटी कार्ड वयस्कों को ही मिलेंगे। बल्कि ये उन्हें भी दिए जाएंगे जो 18 साल से कम उम्र के हैं। इसका लक्ष्य विभिन्न सरकारी विभागों के बीच पहचान के लिए प्रचलित अलग-अलग व्यवस्थाओं को खत्म करना है।

इन स्मार्ट कार्ड्स पर सरकार 6 अरब डॉलर की रकम खर्च करेगी।

सरकार ने इस प्रोजेक्ट के लिए कर्नाटक को बतौर पायलट राज्य चुना है। नैशनल अथॉरिटी फॉर युनीक आइडेंटिटी (NAUI), ने राज्य सरकार से छोटे पैमाने पर इस प्रोजेक्ट को लागू करने को कहा है।

कर्नाटक में इस प्रोजेक्ट की जिम्मेदारी ई-गवर्नेस डिपार्टमेंट के हाथों में होगी। डिपार्टमेंट शहरी और ग्रामीण जिलों की पहचान कर डाटाबेस इकट्ठा करेगा और इसकी अनुकूलता को आंकेगा

इस प्रोजेक्ट को पूरा होने में काफी समय लगेगा। कारण है जन्म, मौतें, शादियों, पासपोर्ट डाटा, बैंक अकाउंट और राशन डाटा को एक डाटाबेस में डालना। और फिर, ऐसा करने से अलग-अलग ऑफिसों के लिए भी सहुलियत होगी। अपने अकाउंट्स को अपडेट करने के लिए सीधे सेंट्रल डाटाबेस को एक्सप्लोर कर सकते हैं।

सरकार को उम्मीद है कि इस प्रोजेक्ट को पूरा होने में 3 साल का समय लग जाएगा।

नैशनल ID कार्ड प्रोजेक्ट इंफर्मेशन टेक्नॉलजी प्रोडक्ट्स और सॉल्युशन्स के लिए भारी मांग का सोर्स होगा। यानी TCS, इंफोसिस और विप्रो जैसी बड़ी घरेलू आईटी कंपनियों को अच्छा बिज़नस देगा।

जब अमेरिका और यूरोप जैसे बाजार रिसेशन का शिकार हैं तब घरेलू कंपनियों के लिए इससे बढ़िया बात क्या हो सकती है।

गुरुवार, 22 अक्टूबर 2009

25 हत्याओं का हत्यारा कौन? इंटरनेट


इंटरनेट हमारे जीवन की सबसे जरूरी में कब शुमार हो गया, पता नहीं चला! जिंदगी के कई पहलुओं को इसने करीब से प्रभावित किया। शुरू में लगा, ये सभी प्रभाव सकारात्मक हैं। लेकिन, नहीं ऐसा नहीं था। लोगों के जीवन को इंटरनेट ने कई बार नेगेटिवली प्रभावित किया। टेलीग्राफ ने एक लिस्ट तैयार की है जिसमें उन चीजों का ब्यौरा है जिनकी आम आदमी के जीवन में 'हत्या'की जा रही है, इंटरनेट द्वारा। वैसे इन यूजफुल हत्यारों में केवल इंटरनेट ही शामिल नहीं है बल्कि संचार की अन्य चीजें भी शामिल हैं।


1। प्यार से असहमति जताने की कला2। कि अब हम अकेले नहीं हैं जो बड़ी सेलिब्रिटी की मौत पर पगला नहीं रहा है3। सारे रास्ते एक ही फिल्म या एलबम के गाने सुनने की आदत4. सारा पालिन5. समय पर 6. Ceefax/Teletext 7. टेलीफोन डाइरेक्टरी8. कैट इंटेलीजेंस असल में कुछ नहीं था, भ्रम था9. घड़ियां!10. म्यूजिक स्टोर्सपहुंचना11. चिट्ठी पत्री लिखना, पत्र मित्रता...12. याददाश्त !13. फोटो एलबम्स14. अजब गजब से षड़यंत्रों की कहानी और सचाई15. टीवी पूरे परिवार के साथ 16. इनोवेटिव कैटलॉग!17. किताबों के पीछे के पेजेस पर छपे ऑर्डर फॉर्म्स18. कॉपीराइट, के कुछ फॉर्म्स 19. शादी वादी के मौके पर टेलीग्राम्स पढ़ना20. स्पोर्ट्स टूर्नामेंट्स के रिजल्ट तुरंत मिल जाते हैं21. टेलीफोन नंबर्स अब गुनागुना कर याद रखने की जरूरत नहीं 22. डॉक्टर्स और दूसरे प्रफेशनल्स के सच्चरित्र होने के विश्वास टूट चुके हैं23. विदेशी भाषाएं अब रहस्यमय नहीं रहीं24. किसी देश की जिओग्राफिकल जानकारी भी अब अतीत की बात


मंगलवार, 20 अक्टूबर 2009

इंटरनेट के बाद अब टेलिविजन पर 'ब्लॉगिंग' की बारी


अंदाजा लगाइए कि ऑरकुट, ट्विटर या फेसबुक के बाद अगले सोशल नेटवर्किंग हब के तौर पर क्या उभरने वाला है? जी नहीं, इसका अगला खिलाड़ी कंप्यूटर पर नहीं, बल्कि इडियट बॉक्स यानी टेलीविजन पर अपना कमाल दिखाएगा। जल्द ही आप टेलीविजन पर ट्यून कर अपनी पसंद के कार्यक्रम पर लाइव सोशलाइज कर सकते हैं और मुद्दों पर अपनी राय जाहिर कर सकते हैं।

डिजिटल केबल टेलीविजन कंपनी डेन नेटर्वक्स (डीईएन) अगले दो सप्ताह में सोशल नेटवर्किंग साइट ब्लॉग।टेली लॉन्च करने के लिए तैयार है। यह एप्लीकेशन केवल डिजिटेली पर उपलब्ध होगी, जो कंपनी का डिजिटल टीवी प्लेटफॉर्म है। ब्लॉग.टेली यूजर्स को एक-दूसरे बातचीत करने और टेलीविजन पर दिखाए जा रहे कंटेंट पर अपना नजरिया लाइव जाहिर करने का मौका मुहैया कराएगा। डिजिटेली के ग्राहक ब्लॉग कर सकते हैं और एसएमएस या डिजिटेली की वेबसाइट के जरिए कमेंट कर सकते हैं, जिसका प्रसारण साथ-साथ किया जाएगा।

डेन के प्रेसिडेंट (डिजिटल) विकास बाली ने कहा, 'हमारे मौजूदा ग्राहकों को माइक्रो-ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म के जरिए अपने विचार पेश करने का मौका मिलेगा, वह भी इंक्रीमेंटल खर्च किए बगैर।' जो लोग ब्लॉग।टेली की सुविधा हासिल करने के लिए डिजिटेली का कनेक्शन लेना चाहते हैं, उन्हें सेट टॉप बॉक्स के लिए 999 रुपए खर्च करने होंगे और सामान्य मासिक केबल शुल्क अदा करना होगा।

कंपनी डिजिटेली के साथ टीवी एंटरटेनमेंट के क्षेत्र में क्रांति लाने का दावा करती है। उसका कहना है कि इसमें हाई-एंड डिजिटल केबल टीवी सेवा की तरह सभी बेहतरीन फीचर शामिल हैं। दिल्ली, लखनऊ, कानपुर, सूरत, बेंगलुरु और गुड़गांव में मुहैया कराई जा रही इस सेवा को दूसरे शहरों तक भी पहुंचाया जाएगा। कंपनी की सेवा के तहत आप वेबसाइट के जरिये भी ब्लॉगिंग कर सकते हैं। इसमें आप वेबसाइट पर कमेंट डालेंगे और उसे टेलीविजन स्क्रीन पर देखा जा सकता है।

क्या यह चित्र देख कर भी आप पानी नही बचायेंगे


क्या आप कह सकते है की कौन सो रहा है


शनिवार, 17 अक्टूबर 2009

हिन्दी के चाहने वालो एक बार यंहा घूम आओ

http://hindiinternet.blogspot.com/

घर बैठे कमाई करे

सभी पाठकों को के लीये यह एक अवसर है घर बैठे कमाने का वैसे तो हम घर में बैठे बैठे काफ़ी समय बरबाद कर देते हैं पर इसी समय का सदुपयोग करके हम कुछ ऊपरी कमाई भी कर सकते है , अब आप घर बैठे कुछ मेहनत करके 2000 से लेकर 50000 तक कमा सकते है इसके लीये आपको केवल नीचे क्लिक कर के अपनी सारी जानकारी भरनी है इसके लीये ये याद रखें की आप को कोई पैसे नही देने हैं यह बिल्कुल मुफ्त में है कंपनी अपना हीस्सा आपकी कमाई से ख़ुद ही कट कर आपको आपका मेहनताना सौंप देती है! आप घरबैठे बैठे फॉर्म भर कर पैसे कमा सकते हैं इसके कुछ मुख्य पहलु इस तरह से हैं:-
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गुरुवार, 15 अक्टूबर 2009

पंडित ऑनलाइन अब पूजा भी कराएँगे (टी वी पर )

एक अच्छी खबर (या बुरी फैसला आप पर ) आस्था चैनल वालो ने कहा है की १७ तारीख यानि दिवाली के दिन शाम ६.१२ बजे सारी पूजन सामग्री लेकर टी वी के सामने बैठ जाए और वंहा से पंडित जी आपको लक्ष्मी पूजा करा देगा लक्ष्मी एवं नवग्रह पूजा शेष शुभ हो आप सभी को दिवाली की हार्दिक बधाई

मंगलवार, 13 अक्टूबर 2009

The Indian way of doing Business



Three contractors are bidding to fix a broken fence at the White House
in Washington D.C. One from Bangladesh , another from India and the
third, from China.

They go with a White House office to examine the fence.

The Bangladesh contractor takes out a tape measure and does some
measuring, then works some figures with a pencil. "Well", he says, "I
figure the job will run about $900. ($400 for materials, $400 for my
team and $100 profit for me)".

The Chinese contractor also does some measuring and figuring, then
says, "I can do this job for $700. ($300 for materials, $300 for my
team and $100 profit for me)".

The Indian contractor doesn't measure or figure, but leans over to the
White House official and whispers, "$2,700."

The official, outraged says, "You didn't even measure like the other
guys! How did you come up with such a high figure?"

The Indian contractor whispers back, "$1000 for me, $1000 for you, and
we hire the guy from China to fix the fence."

कमाल की लड़किया

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