रविवार, 25 अक्टूबर 2009
मलेरिया से मौत अभी भी मिलती है आम इन्सान को
कसडोल ब्लाक के जंगल वाले क्षेत्र पर लगभग एक दर्जन गांवो में १० साल पहले की तरह मलेरिया का प्रकोप फ़ैल गया है इसी क्षेत्र में १० वर्ष पूर्व भी मलेरिया का प्रकोप फैला था जिससे ३३ लोगों की मौत हो गई थी उस वक्त डॉक्टरों ने कहा था की मलेरिया का चक्र १० वर्षों का होता है और १० वर्ष पूर्ण होते ही इसका प्रकोप चालू हो गया है
अभी फैले प्रकोप से ५ लोगों की मौत हो गई है और लगभग ८० प्रतिशत लोग बुखार से पीड़ित भी है गांव वालों की शिकायत है की तिन साल से स्वास्थय कार्य करता गांव में आए ही नही केवल झोला छाप डॉक्टर ही गांव में आ कर इलाज करते है मिडिया के जागने के बाद अब प्रशासन जगा है और इलाज जारी है काश आप लोग पहले जाग जाते तो हो सकता है जिन लोगों की मौत हो गई है वो भी अपने परिजनों के साथ रहते ..................
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सुधीर भाई, आपने अपनी क्षेत्रीय जनसंवेदना से उठे विचार को यहां प्रस्तुत किया उसके लिए आभार.
जवाब देंहटाएंकौन कहता है कि आसमां में सूराख़ नहीं हो सकता,
एक पत्थर तो तबीयत से उछालों यारों.
आवाज बुलंद करते रहें ...........
धन्यवाद.
chacha ji pranam mai aapse sampark banana chahta hu
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