बुधवार, 28 अक्तूबर 2009

अपहरण की इंतेहा

एक सरदार जी के दिन बडी गरीबी से गुजर रहे थे, उन्‍होने सोंचा की थोडे गलत तरिके से पैसे कमाए जाए, वो भागते हुए पार्क में गये वहां खेल रही बच्‍ची को पकडा और कहा '' तुम किडनेप हो गई हो '' फिर उन्‍होने एक पत्र लिखा .

मैने तुम्‍हारी बच्‍ची को किडनेप कर लिया है, कल दिन के 12 बजे नाले के किनारे वाले आम के पेड पर एक झोले मे दो लाख रूपये नगद पुराने नोटों में छोड दो ............ एक सरदार

इसके बाद उन्‍होने वो कागज बच्‍ची के शर्ट पर पिन से लगाया, और बच्‍ची को उसके घर छोड आए

दूसरे दिन वो आम के पेड के निचे इंतजार कर रहे थे तभी वो बच्‍ची हाथ में झोला ले कर आई उस झोले में दो लाख रूपये नगद नुराने नोटों के सुरत में रखे हुए थे बचची ने सरदार जी के हाथ में एक कागज पकडाया और चली गई उस कागज में लिखा हुआ था ...................

मुझे उम्‍मीद नही थी कि एक सरदार दुसरे सरदार का इतना बुरा कर सकता है, पैसे पुरे हैं गिन लो और बच्‍ची को छोड दो.................... दुसरा सरदार

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