मंगलवार, 10 नवंबर 2009

विंडोज की कहानी, तब से लेकर अब तक

10 नवम्बर 1983. स्थान – न्यूयार्क का प्लाज़ा होटल.

दो व्यक्ति मंच पर खड़े थे. इनमें से एक व्यक्ति दूसरे की अपेक्षा काफी युवा लग रहा था और अधिक उत्साहित भी. वह बिल गेट्स थे और उसके साथ खड़ा थे पौल एलन . ये दोनों तकनीकविद उस दिन अपने पहले ग्राफिक यूजर इंटरफेस ऑपरेटिंग सिस्टम – माइक्रोसोफ्ट विंडोज़ को लॉंच कर रहे थे. उन्हें अनुमान था पर यकीन नहीं था कि उनका ओपरेटिंग सिस्टम एक दिन दुनिया पर राज करेगा.
आईए रूबरू होते हैं विंडोज की कहानी से -
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विंडोज़ 1.01 [1985]
यह ओररेटिंग सिस्टम मात्र 1 एमबी की जगह लेता था. यह स्वयं बूट नहीं होता था बल्कि एक अप्लिकेशन की तरह चलता था. यह ओपरेटिंग सिस्टम [वातावरण कह सकते हैं] MS-DOS 5.0 समर्थित कम्प्यूटर सिस्टम पर चलता था.

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विंडोज 1.03 [1986]
एक साल बाद ही माइक्रोसोफ्ट ने विंडोज 1.03 रिलीज किया. यह एक अपग्रेड संस्करण था. पूरा ओपरेटिंग सिस्टम 2.2 एमबी में आ जाता था.

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विंडोज़ 2.03 (1987)
माइक्रोसोफ़्ट तेज़ी से कदम बढा रहा था. इंटेल के 286/386 प्रोसेसर के आ जाने से कम्प्यूटर सिस्टम भी तेज हो गए थे. माइक्रोसोफ्ट ने स्थिति का फायदा उठाते हुए विंडोज का अगला संस्करण जारी किया.

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विंडोज 3.0 [1990]
यह विंडोज का पहला बड़ा रिलीज था ऐसा कह सकते हैं क्योंकि इसमें बहुत सारी नई सुविधाएँ जोड़ी गई थी. फाइल मैनेजर, प्रोग्राम मैनेजर आदि कुछ ऐसी सुविधाएँ थी जो इस संस्करण के साथ पहली बार जारी की गई. मजे की बात यह है कि ये दोनों सुविधाएँ आज भी उपलब्ध है.

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विंडोज़ 3.11 [1993]

माइक्रोसोफ्ट ने 1992 में विंडोज 3.1 जारी किया था जो कि विंडोज 3 का बग फ्री संस्करण था. लेकिन 3.11 में कुछ नई सुविधाएँ जोड़ी गई थी. इसमें से उल्लेखनीय सुविधा थी वर्कग्रुप और डुमेन नेटवर्किंग. विंडोज आधारित पीसी अब नेटवर्क में आसानी से जुड़ सकते थे.


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विंडोज 95 [1995]
माइक्रोसोफ़्ट का क्रांतिकारी ओपरेटिंग सिस्टम था विंडोज 95. यह वास्तव में पहला पूर्ण ग्राफिकल यूजर इंटरफेस सिस्टम था. इसमें 32 बिट TCP/IP इंटरनेट सपोर्ट, डायल अप नेटवर्किंग और प्लग एंड प्ले सुविधा जोड़ी गई थी. लोगों ने इस ओपरेटिंग सिस्टम को खूब सराहा था.


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विंडोज़ 98 [1998]
यह विंडोज 95 का अपग्रेड संस्करण था. माइक्रोसोफ्ट ने इस संस्करण की टेगलाइन रखी थी – “Works Better, Plays Better”. माइक्रोसोफ्ट ने स्वयं स्वीकार किया है कि यह उनका पहला ऐसा ओपरेटिंग सिस्टम था जो केवल ग्राहकों के लिए डिजाइन किया गया था.


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विंडोज एमई [2000]
विंडोज मिलिनीयम एडिशन या एमई घर पर इस्तेमाल करने वाले लोगों के लिए बनाया गया ओपरेटिंग सिस्टम था. इसमें कई संगीत, वीडियो और होम नेटवर्किंग की कई सुविधाएँ जोड़ी गई थी. लेकिन यह ओपरेटिंग सिस्टम लोकप्रिय हो पाता उससे पहले ही माइक्रोसोफ्ट ने एक धमाका कर दिया था.


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विंडोज एक्सपी [2001]
और धमाका था विंडोज एक्सपी. यह वह ओपरेटिंग सिस्टम है जिसने माइक्रोसोफ्ट को भरपूर लाभ दिया. विंडोज एक्सपी काफी सुरक्षित, इस्तेमाल में आसान और आधुनिक ओपरेटिंग सिस्टम है. यह ओपरेटिंग सिस्टम घर तथा व्यापार दोनों क्षैत्रों के लिए उपयोगी है. इसमें कई नई सुविधाएम जैसे कि रिमोट डेस्कटाप सपोर्ट, इंस्क्रीपटेड फाइल सिस्टम और सिस्टम रीस्टोर आदि जोड़ी गई थी. यह आज तक का सर्वाधिक लोकप्रिय ओपरेटिंग सिस्टम है.


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विंडोज विस्टा [2006]
विंडोज एक्सपी के बाद माइक्रोसोफ्ट ने नया ओपरेटिंग सिस्टम लाने में काफी वर्ष लगा दिए लेकिन फिर भी नतीजा उम्मीद पर खरा नहीं उतरा. विस्टा आधुनिक ओपरेटिंग सिस्टम जरूर है लेकिन माइक्रोसोफ्ट ने कई ऐसी पाबंदिया लगा दी जिससे कई हार्डवेर इस ओपरेटिंग सिस्टम पर चलना बंद हो गए. एक्सपी के आदि लोगों ने भी इस ओपरेटिंग सिस्टम को खास पसंद नहीं किया. विस्टा माइक्रोसोफ्ट के लिए एक फ्लोप सिस्टम साबित हुआ है.


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विंडोज 7 [2009]

यह विंडोज का अगला ओपरेटिंग सिस्टम है. विस्टा की नाकामयाबी ने माइक्रोसोफ्ट को जल्द ही एक नया ओपरेटिंग सिस्टम लाने पर मजबूर किया है. विस्टा की गलतियों से सबक लेते हुए माइक्रोसोफ्ट ने इस नए ओपरेटिंग सिस्टम में कई बदलाव किए हैं. यह विस्टा से कम जगह घेरता है और लगभग हर हार्डवेर को सपोर्ट करता है.



हमने इस रपट में केवल "घरेलु" विंडोज सिस्टम का ही समावेश किया है. इसके अलावा माइक्रोसोफ्ट ने नेटवर्किंग आधारित कुछ अन्य ओपरेटिंग सिस्टम जैसे कि विंडोज एनई, विंडोज़ वर्कस्टेशन, विंडोज 2000, विंडोज सर्वर 2003 आदि भी जारी किए हैं.


साभार

http://www.tarakash.com/200910055449/computer/windows-evolution-1985-2009.html

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